एक महिला पर अपनी नजरें जमाएं जो इच्छा से जलती है, बंधी हुई है और समर्पण में छेड़ी गई है। मासूम से अतृप्त में उसके परिवर्तन का गवाह बनें, जैसे ही वह आनंद के लिए आत्मसमर्पण करती है, उसका हर सीमा धक्का देती है, उसके शरीर की खोज होती है, और उसकी वासना प्रज्वलित होती है।