एकातेरिना, एक रूसी सुंदरी, जो अपनी दुखती हुई चूत का विरोध करने में असमर्थ है, अपने बिस्तर पर आत्म-आनंद में लिप्त है। उसकी उंगलियां उसकी रसीली झाड़ी का पता लगाती हैं, परमानंद की लहरें प्रज्वलित करती हैं। यह अंतरंग यात्रा उसे बेदम कर देती है और और अधिक तरसाती है।